“मन” बड़ा चमत्कारी शब्द है(“Heart” is a miraculous word)
जो इन्सान धीरज रख सकता है(The person who can keep patience)
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इसके आगे “न” लगाने पर यह “नमन” हो जाता है
और
पीछे “न” लगाने पर
“मनन” हो जाता है
जीवन में “नमन” और “मनन” करते चलिए,
जीवन “सफल” ही नहीं
“सार्थक” भी हो जायेगा ।