खुद की तरक्की में इतना (So much in advance)
“मीठी मुस्कान” … “तीखा गुस्सा” .. और.. “नमकीन आंसू”..,(Sweet Smile”… “Tart tantrums”.. And.. “Salty Tears”)
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समय लगा दो
की किसी और की बुराई
का वक्त ही ना मिले……
“क्यों घबराते हो दु:ख होने से,
जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से..
नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है…
लोग “रूलाना” नहीं छोडते…
और हम “हँसना” नहीं छोडते…!