खुद की तरक्की में इतना (So much in advance) समय लगा दो की किसी और की बुराई का वक्त ही ना मिले…… “क्यों घबराते हो दु:ख होने से, जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से.. नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है… लोग “रूलाना” नहीं छोडते… और हम “हँसना” नहीं छोडते…!
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