‘सृष्टि’ कितनी भी बदल जाये..(Anything changed nature)
स्वभाव ही इंसान की (Nature of the person)
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हम सुखी नहीं हो सकते
पर
‘दृष्टि’ जरा सी बदल जाये
तो हम सुखी हो सकते हैं..
‘सृष्टि’ कितनी भी बदल जाये..(Anything changed nature)
स्वभाव ही इंसान की (Nature of the person)
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हम सुखी नहीं हो सकते
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‘दृष्टि’ जरा सी बदल जाये
तो हम सुखी हो सकते हैं..