“मेहनत का फल”(Head of hard work)
और
“समस्या का हल”
यह जिंदगी भी कैसे (How was this life cut in)
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देर से ही सही पर मिलता जरूर है..
क्या खूब कहा है,किसी ने-
थक कर बैठा हूँ…
हार कर नहीं..!!
सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है…
ज़िन्दगी नहीं.!!!!
“मेहनत का फल”(Head of hard work)
और
“समस्या का हल”
यह जिंदगी भी कैसे (How was this life cut in)
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देर से ही सही पर मिलता जरूर है..
क्या खूब कहा है,किसी ने-
थक कर बैठा हूँ…
हार कर नहीं..!!
सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है…
ज़िन्दगी नहीं.!!!!