” नफरतों में क्या रखा हैं ..,(What are you
in disdain)
मोहब्बत से जीना सीखो..,
क्योकि
ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं …
और …
न ही आप का ठिकाना ..,
याद रहे ! दूसरा मौका सिर्फ कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं …
” नफरतों में क्या रखा हैं ..,(What are you
in disdain)
मोहब्बत से जीना सीखो..,
क्योकि
ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं …
और …
न ही आप का ठिकाना ..,
याद रहे ! दूसरा मौका सिर्फ कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं …