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मैंने दहेज़ नहीं माँगा (I did not ask for dowry) Thought | dowry law misuse, social theory, Social Thought in hindi, social customs, social norms, social mores, social change

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“मैंने दहेज़ नहीं माँगा – I did not ask for dowry” – About Dowry Law Misuse

साहब मैं थाने नहीं आउंगा,
अपने इस घर से कहीं नहीं जाउंगा,
माना पत्नी से थोड़ा मन-मुटाव था,

सोच में अन्तर और विचारों में खिंचाव था,
पर यकीन मानिए साहब, “मैंने दहेज़ नहीं माँगा”

मानता हूँ कानून आज पत्नी के पास है,
महिलाओं का समाज में हो रहा

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जिन्दगी मे दो लोग जरूर(In life Two people must)

जिन्दगी मे दो लोग जरूर(In life Two people must)

जिन्दगी मे दो लोग जरूर(In life Two people must) चlहिये, एक कृष्णा जो ना लड़े फिर भी, जीत पक्की कर दे ! और दुसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर

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वो ? मेरी किस्मत (Destiny)? में नहीं

वो ? मेरी किस्मत (Destiny)? में नहीं

वो ? मेरी किस्मत (Destiny)? में नहीं ❌, ये सुना ? है लोगों ?(People) से,
फिर सोचता ? हूँ, किस्मत ? खुदा ? लिखता है, लोग ? नहीं.

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