विधाता की अदालत में(In the court of the legislator) वक़ालत बड़ी प्यारी है ख़ामोश रहिये ..कर्म कीजिये आपका मुकदमा ज़ारी है। अपने कर्म पर विश्वास रखिए राशियों पर नही….! राशि तो राम और रावण की भी एक ही थी…..! लेकिन नियती ने उन्हें फल उनके कर्म अनुसार दिया.
View More विधाता की अदालत में(In the court of the legislator)Category: karma thought
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“कर्म” एक ऐसा रेस्टोरेंट है ,(“Karma” is such a restaurant)
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एक खूबसूरत सोच(A Beautiful Thinking)
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कर्म बढ़िया होने चाहिये (Karma should be fine) | Life Thought, thot hindi, whatsapp status thought, respect thought in hindi, thought quotes
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कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma)
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कौन से “कपड़े” पहनूं….(What “clothes” should we wear)
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जब तक साँस है(As long as the breath is in)
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दुध, दही, छाछ माखन, घी(Milk, yogurt, buttermilk, butter, ghee)
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धन कहता मुझे जमा कर (Money tells me to make deposits)
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नदी जब निकलती है(When the river turns out)
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मेरे गुरु कहते है(My priest says)
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रोने से तो आंसू भी (Even if you cry tear)
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विधाता की अदालत में(In the court of the legislator)
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व्यवहार घर का शुभ कलश है(Auspices of home is Behavior)
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श्रध्दांजलि शहीदों को (Tribute to the martyrs)
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हँसता हुआ चेहरा (Laughing face)
कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma)
कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma) नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं पाप शरीर नहीं करता विचार करते है और गंगा विचारों को नहीं सिर्फ शरीर को धोती है
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एक खूबसूरत सोच(A Beautiful Thinking)
वृक्ष के नीचे पानी डालने से सबसे ऊंचे पत्ते पर भी पानी पहुँच जाता है ,
उसी प्रकार प्रेम पू
नदी जब निकलती है(When the river turns out)
नदी जब निकलती है(When the river turns out)
कोई नक्शा पास नहीं होता की
“सागर”कहां है।
बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है।
View More नदी जब निकलती है(When the river turns out)व्यवहार घर का शुभ कलश है(Auspices of home is Behavior)
“व्यवहार” घर का शुभ कलश है।(Auspices of home is Behavior) और “इंसानियत” घर की “तिजोरी”। “मधुर वाणी” घर की “धन-दौलत” है। और “शांति” घर की “महा लक्ष्मी”। “पैसा” घर का “मेहमान” है। और “एकता” घर की “ममता। “व्यवस्था” घर की “शोभा” है और समाधान “सच्चा सुख”।
View More व्यवहार घर का शुभ कलश है(Auspices of home is Behavior)कौन से “कपड़े” पहनूं….(What “clothes” should we wear)
कौन से “कपड़े” पहनूं….(What “clothes” should we wear)
जिससे मै अच्छा लगूं…
ये तो हम हर रोज सोचते हैं..
पर कौन सा “कर्म” करुं…