जब तक साँस है(As long as the breath is in)
मंजिल चाहें कितनी भी ऊँची(How high the destination wants)
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“टकराव” मिलता रहेगा।
जब तक रिश्ते हैं,
“घाव” मिलता रहेगा।
पीठ पीछे जो बोलते हैं,
उन्हें पीछे ही रहने दे।
अगर हमारे कर्म,
भावना और रास्ता सही है ..
??तो,??
गैरों से भी ” लगाव ” मिलता रहेगा..