मांगी हुई खुशियों से,
किसका भला होता है,
“उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में (Blow even two whole grievance in these winds)
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किस्मत में जो लिखा होता है,
उतना ही अदा होता है,
न डर रे मन दुनिया से,
यहाँ किसी के चाहने से,
नहीं किसी का बुरा होता है,
मिलता है वही,
जो हमने बोया होता है,
कर पुकार उस प्रभु के आगे,
क्योंकि सब कुछ उसी के बस में होता !