मेरी फितरत में नहीं है(I’m not in my power) किसी से नाराज होना। नाराज वो होते है, जिसे खुद पर गुरुर होता है। कुछ बयां कर देता हूं, कुछ छूपा लेता हूं। मै अपनी मुस्कान से ही, खूद को मना लेता हूं। कर्म भूमि की दुनिया में, श्रम सभी को करना है। भगवान सिर्फ लकीरें देता है, रंग हमें ही भरना है।
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