हर एक मोड पे
हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था…..
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था…..
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था……
हर एक मोड पे
हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था…..
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था…..
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था……