साथ रह कर जो छल करें,
उससे बड़ा कोई शत्रु
नहीं हो सकता
और
जो हमारे मुंह पर
हमारी बुराइयां बता दे,
उससे बड़ा कोई
मित्र हो नहीं सकता ।
याद रहें
साफ-साफ बोलने वाला
कड़वा जरुर होता है
पर धोखेबाज़
हर्गिज़ नहीं हो सकता !