वेद कहता है(Says the Vedas)
“क्रोध
भी तब पुण्य बन जाता है, जब वह “धर्म” और “मर्यादा” के लिए किया जाए,
और
“सहनशीलता” भी तब पाप बन जाती है जब वह “धर्म” और “मर्यादा” को बचा नही पाती ||
वेद कहता है(Says the Vedas)
“क्रोध
भी तब पुण्य बन जाता है, जब वह “धर्म” और “मर्यादा” के लिए किया जाए,
और
“सहनशीलता” भी तब पाप बन जाती है जब वह “धर्म” और “मर्यादा” को बचा नही पाती ||