ये जीवन है….(This is life)
उलझेंगे नहीं,
तो सुलझेंगे कैसे…
और बिखरेंगे नहीं,
तो निखरेंगे कैसे….
? “ख़्वाब भले टूटते रहे मगर “हौंसले”
फिर भी ज़िंदा हो
“हौसला ” अपना ऐसा रखो जहाँ
मुश्किलें भी शर्मिंदा हो !!””………
ये जीवन है….(This is life)
उलझेंगे नहीं,
तो सुलझेंगे कैसे…
और बिखरेंगे नहीं,
तो निखरेंगे कैसे….
? “ख़्वाब भले टूटते रहे मगर “हौंसले”
फिर भी ज़िंदा हो
“हौसला ” अपना ऐसा रखो जहाँ
मुश्किलें भी शर्मिंदा हो !!””………