“मेहनत का फल”(Head of hard work)
और
“समस्या का हल”
अगर कोई चीज़ “तक़दीर” में नही भी लिखी है(If something is not written in “Fortune”)
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देर से ही सही पर मिलता जरूर है..
क्या खूब कहा है,किसी ने-
थक कर बैठा हूँ…
हार कर नहीं..!!
सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है…
ज़िन्दगी नहीं.!!!!