पर्स को कहाँ मालूम(The purse transpired)
पैसे उधार के हैं…
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में…
ठीक यह ही हाल हमारा है
साँसे उस प्रभु की उधार दी हुई है।
पर ना जाने गुमान किस बात पर है.
पर्स को कहाँ मालूम(The purse transpired)
पैसे उधार के हैं…
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में…
ठीक यह ही हाल हमारा है
साँसे उस प्रभु की उधार दी हुई है।
पर ना जाने गुमान किस बात पर है.