जहाँ अपनो की याद न आए (Where you can not
remember)
वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो
खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल
तक जाना है,
पर जहाँ से
अपने ना दिखे
वो ऊंचाई किस
काम की..