“काश ऐसी बारिश⛈ आये जिसमें(Wish such a rain that
came in)
अहम डूब जाए
मतभेद के किले ढह जाएं
घमंड चूर चूर हो जाए
गुस्से के पहाड़ पिघल जाए
नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये
और हम सब
“मैं” से “हम” हो जाएं ……
“काश ऐसी बारिश⛈ आये जिसमें(Wish such a rain that
came in)
अहम डूब जाए
मतभेद के किले ढह जाएं
घमंड चूर चूर हो जाए
गुस्से के पहाड़ पिघल जाए
नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये
और हम सब
“मैं” से “हम” हो जाएं ……