कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी
इन्सान को कभी अपने वक़्त (Man at any time in his own time)
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कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।
न पूर्ण विराम सुख में,
न पूर्ण विराम दुःख में,
बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी।
प्यार की डोर सजाये रखो,
दिल को दिल से मिलाये रखो,
क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से,
मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से
रिश्तों को बनाए रखो………..✍?