कभी ना कहो की(Never say )

कभी ना कहो की(Never say )

कभी ना कहो की(Never say)
दिन अपने ख़राब है
समझ लो की हम
काँटों से घिर गए गुलाब है

“रखो हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी
आयेगा..!
थक कर ना बैठो, ऐ मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और
जीने का मजा भी आयेगा…!!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *