अकेले ही लड़नी होती है,
जिंदगी की लड़ाई
क्योंकि
लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नही।
“शिक्षक” और “सड़क”
दोनों एक जैसे होते हैं
खुद जहाँ है वहीं पर रहते हैं
मगर दुसरो को उनकी
मंजिल तक पहुंचा हीं देते हैं!
अकेले ही लड़नी होती है,
जिंदगी की लड़ाई
क्योंकि
लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नही।
“शिक्षक” और “सड़क”
दोनों एक जैसे होते हैं
खुद जहाँ है वहीं पर रहते हैं
मगर दुसरो को उनकी
मंजिल तक पहुंचा हीं देते हैं!