International women’s day
#नारी”
कभी बेटी, कभी बहन,
कभी पत्नी, तो कभी माँ है
नारी
पुरुष जिसके बिना असहाय है,
ऐसी है
नारी
कभी ममता की फुलवारी, तो
कभी राखी की
क्यारी है नारी
सृष्टि जिसके बिना थम जाए, ऐसी है नारी
पुरुषों की पूरी भीड़ पर
अकेली भारी है नारी
जो सृष्टि को जलाकर राख कर दे, ऐसी
चिंगारी है नारी
बेटी हो तो…….. पिता की
राजदुलारी है नारी
माँ हो तो………. सन्तान पर हमेशा भारी है
नारी
बहन हो तो……. भाई की लाडली है
नारी
पत्नी हो तो…….. पति की जान है
नारी
पुरुष हमेशा अधूरा तो…….. हमेशा पूरी है
नारी
सृष्टि जिस पर घूम रही, वह धुरी है
नारी
जब गर्भ में नहीं मरोगे, तभी तो
तुम्हारी है नारी
जब नारी है………… तभी तो है ये सृष्टि
सारी…