कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma)

कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma)

कहीं ना कहीं कर्मों का डर है(Somewhere there is fear of karma) नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं पाप शरीर नहीं करता विचार करते है और गंगा विचारों को नहीं सिर्फ शरीर को धोती है

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