जीवन साथी के लिए एक कविता (A poem for spouse)
?????????
******************
हमसफर मैं मुख मोडता कैसे।
साथ तेरा मैं छोडता कैस
जीवन साथी के लिए एक कविता (A poem for spouse)
?????????
******************
हमसफर मैं मुख मोडता कैसे।
साथ तेरा मैं छोडता कैस
संगमरमर के महल में (At the marble palace) तेरी ही तस्वीर सजाऊंगा; मेरे इस दिल में ऐ प्यार तेरे ही ख्वाब सजाऊंगा; यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा; मैं तो प्यार का हूँ प्यासा जो तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा।
View More संगमरमर के महल में (At the marble palace)तुम “आओ” या ना आओ मेरी “ज़िन्दगी” में ये “तुम्हारी” मर्ज़ी (You come or not in my life it’s your consent) …!!?
?मेरा प्यार “बेइंतेहा” था “बेइंतेहा” है औ
દરેકના ગુસ્સા (Anger) સાથે વેર ( Revenge) થાય છે
ફક્ત તારા ગુસ્સા(Anger) સાથે પ્રેમ થાય છે
View More દરેકના ગુસ્સા (Anger) સાથે