“गलतियाँ”, “विफलता”, “अपमान”,
“निराशा” और “अस्वीकृति”,
ये सभी “उन्नति” और
“विकास” का ही एक हिस्सा है।
कोई भी व्यक्ति इन सभी पाँचो चीजों को
सामना किये बिना “जीवन” में
कुछ भी “प्राप्त” नहीं कर सकता।
“गलतियाँ”, “विफलता”, “अपमान”,
“निराशा” और “अस्वीकृति”,
ये सभी “उन्नति” और
“विकास” का ही एक हिस्सा है।
कोई भी व्यक्ति इन सभी पाँचो चीजों को
सामना किये बिना “जीवन” में
कुछ भी “प्राप्त” नहीं कर सकता।