अगर कोई चीज़ “तक़दीर” में नही भी लिखी
है(If something is not written in “Fortune”)
तो भी दुआ जरूर करनी चाहिए,
क्योंकि तक़दीर के सामने हम बेबस हैं
लेकिन तक़दीर लिखने वाला नही….
अगर कोई चीज़ “तक़दीर” में नही भी लिखी
है(If something is not written in “Fortune”)
तो भी दुआ जरूर करनी चाहिए,
क्योंकि तक़दीर के सामने हम बेबस हैं
लेकिन तक़दीर लिखने वाला नही….