हथेली पर रखकर नसीब..
“तु क्यों अपना
मुकद्दर ढूँढ़ता है..”
सीख उस समन्दर से..
“जो टकराने के लिए
पत्थर ढूँढ़ता है..”
हथेली पर रखकर नसीब..
“तु क्यों अपना
मुकद्दर ढूँढ़ता है..”
सीख उस समन्दर से..
“जो टकराने के लिए
पत्थर ढूँढ़ता है..”