“मीठी मुस्कान” … “तीखा गुस्सा” .. और .. “नमकीन आंसू”…(“Sweet Smile” … “Tart tantrums” .. And .. “Salty Tears”)
इन “तीनों के स्वाद” से, “बनी है रेसिपी”.. ज़िंदगी.. की !!
कभी कभी “गुस्सा”,
मुस्कुराहट से भी ज्यादा ‘स्पेशल’ होता है,क्योंकि!
“स्माइल” तो सबके लिए होती है,
मगर “गुस्सा” सिर्फ उसके लिए होता है,
जिसे हम कभी “खोना” नहीं चाहते !