जो सफर की शुरुआत (Started journey)करते हैं,
“विचार” एक “जल” की तरह है
/>
वे मंजिल भी पा लेते हैं.
बस,
एक बार चलने का
हौसला रखना जरुरी है.
क्योंकि,
अच्छे इंसानों का तो
रास्ते भी इन्तजार करते हैं..