“जो इन्सान धीरज रख सकता है(The person who can
sustain)
वह अपनी इच्छानुसार
सब कुछ पा सकता है..
“जहाँ प्रयत्नों की ऊंचाई
अधिक होती है..
वहां नसीबों को भी झुकना*
पड़ता है”
“जो इन्सान धीरज रख सकता है(The person who can
sustain)
वह अपनी इच्छानुसार
सब कुछ पा सकता है..
“जहाँ प्रयत्नों की ऊंचाई
अधिक होती है..
वहां नसीबों को भी झुकना*
पड़ता है”