जीवन साथी के लिए एक कविता (A poem for spouse)

जीवन साथी के लिए एक कविता (A poem for spouse)

जीवन साथी के लिए एक कविता (A poem for spouse)

?????????
******************
हमसफर मैं मुख मोडता कैसे।
साथ तेरा मैं छोडता कैसे।

अंतिम साँसों तक का वादा था,
बता मैं वादा तोडता कैसे।

काजल ने मेरे गम पीये हैं,
नीर नयनों मे देखता कैसे।

खून हुआ काला हो जाने दो,
अपना घरौंदा तोडता कैसे।

कदम मिला के तुम साथ चले थे,
हाथ से हाथ छोडता कैसे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *