जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है और ना ही दुश्मन, वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार से बनते है।
ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है तो थोडा सा झुक कर जियो, तब देखो फिर, ये ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा देंगा..
जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है और ना ही दुश्मन, वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार से बनते है।
ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है तो थोडा सा झुक कर जियो, तब देखो फिर, ये ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा देंगा..