“‘खुशी'” उड़ती हुई तितली के जैसी है (“‘
Happiness ‘” is resembling the levitating butterfly)
जिसे पकड़ने के लिए आप जितना दौड़ेंगे ये उतना ही आपसे दूर चली जायेगी। यदि आप शान्त मुद्रा मे एक जगह स्थिर हो जायेंगे तो ये खुद-ब-खुद आपके पास आ जायेगी। अतः हमें खुशी के पीछे नहीं भागना है… उसे महसूस करना है।