“एक कागज का टुकड़ा (A piece of paper)
गवर्नर के हस्ताक्षर से
नोट बन जाता है,
जिसे तोड़ने, मरोडने,
गंदा होने एवँ जज॔र होने से भी*
उसकी कीमत कम नहीं होती…
आप भी ईश्वर के हस्ताक्षर है,*
जब तक आप ना चाहे
आपकी कीमत कम नही हो सकती,
आप अनमोल है ,
अपनी कीमत पहचानिये.