" नफरतों में क्या रखा हैं ..,(What are you in disdain) मोहब्बत से जीना सीखो.., क्योकि ये दुनियाँ न तो…
रिश्ते कभी भी "कुदरती" मौत नहीं मरते (Relationship never die of "Naturally"death) इनको हमेशा "इंसान" ही क़त्ल करता है, "नफ़रत"…