मंजिल भी नहीं ठिकाना भी नहीं(Destination not even whereabouts) वापस मुझे उसके पास जाना भी नहीं... हमने ही सिखाया था…
मंजिल चाहें कितनी भी ऊँची(How high the destination wants) क्यों न हो, रास्ते हमेशा पैरों के नीचे ही होते है।
मंजिल(Destination) यूँ ही नहीं मिलती राही को जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है, पूछा चिड़िया से कि घोसला कैसे…