Happy holi
होली री घणी घणी बधायाँ।
दुखद शायरी (Sad Shayari)
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रामजी थाने सगळा नै निरोगा राखै?
कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे
टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़े।
देश रो मान बढ़े?
मारवाड़ री ईण पावन धरा माथै विराजियोड़ा मोतिया सू महग़ा अर म्हारे हिवड़े रा हार थानै ” होली ” रै ईण पर्व माथै हैत प्रिंत अर औलखाण सारू म्हारे अन्तस हिवड़ै अर कालजिये री कोर सू थानै अर थ्हारे सगले कूटूम्ब नै घणी मोकली शुभ कामनावा !