दुःख में स्वयं की एक अंगुली(Sorrow of self in a finger)

दुःख में स्वयं की एक अंगुली(Sorrow of self in a finger)

दुःख में स्वयं की एक अंगुली(Sorrow of self in a finger) आंसू पोंछती है ; और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है ; जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो दुनिया से गिला-शिकवा क्या करना…!!

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