आदमी जब पत्तल में खाना खाता था(When the man ate food in the leaf)

आदमी जब पत्तल में खाना खाता था(When the man ate food in the leaf)

आदमी जब पत्तल में खाना खाता था(When the man ate food in the leaf) मेहमान को देख के वह हरा हो जाता था, स्वागत में पूरा परिवार बिछ जाता था… बाद में जब वह मिट्टी के बर्तन में खाने लगा, रिश्तों को जमीन से जुड़कर निभाने लगा.. फिर जब पीतल के बर्तन उपयोग में लेता था, रिश्तों को साल छः महीने में चमका लेता था… लेकिन बर्तन कांच के जब से बरतने लगे, एक हल्की सी चोट में रिश्ते बिखरने लगे … अब बर्तन थर्मोकोल पेपर के इस्तेमाल होने लगे, सारे सम्बन्ध भी अब यूज़ एंड थ्रो होने लगे …

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"बंधन" हमेशा "दुख" देता हैं("bonding" always gives "sadness")

“बंधन” हमेशा “दुख” देता हैं(“bonding” always gives “sadness”)

“बंधन” हमेशा “दुख” देता हैं(“bonding” always gives “sadness”)
                    और
    “संबंध” हमेशा “सुख” देता हैं
  हमारा आप से और आपका हम से 
  

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रिश्‍ता वो नहीं होता (The relationship is not that)

रिश्‍ता वो नहीं होता (The relationship is not that)

रिश्‍ता वो नहीं होता (The relationship is not that) जो दुनिया को दिखाया जाता है रिश्‍ता वह होता है जिसे दिल से निभाया जाता है अपना कहने से कोई अपना नहीं होता अपना वो होता है जिसे दिल से अपनाया जाता है!

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